Sunday, 26 October 2014

लिपट जाता हूँ माँ से और मौसी मुस्कुराती है / मुनव्वर राना

लिपट जाता हूँ माँ से और मौसी मुस्कुराती है
मैं उर्दू में ग़ज़ल कहता हूँ हिन्दी मुस्कुराती है

उछलते खेलते बचपन में बेटा ढूँढती होगी
तभी तो देख कर पोते को दादी मुस्कुराती है

तभी जा कर कहीं माँ-बाप को कुछ चैन पड़ता है
कि जब ससुराल से घर आ के बेटी मुस्कुराती है

चमन में सुबह का मंज़र बड़ा दिलचस्प होता है
कली जब सो के उठती है तो तितली मुस्कुराती है

हमें ऐ ज़िन्दगी तुझ पर हमेशा रश्क आता है
मसायल से घिरी रहती है फिर भी मुस्कुराती है

बड़ा गहरा तअल्लुक़ है सियासत से तबाही का
कोई भी शहर जलता है तो दिल्ली मुस्कुराती है.

Wednesday, 22 October 2014

Diwali SMS

Hindi Diwali SMSSabhko Diwali ki shubh kaamnaye
Hum dete hai aapko lakho duaye.
Naya varsh ho purane jaisa yaadgar,
Aap sabko mile apni khushiyon ka Sansar…