Sunday, 24 November 2013

Hindi Love Shayri - मोहब्बत जवां नहीं रहती…

अपने लफ़्ज़ों से चुकाया है किराया इसका,
दिलों के दरमियां यूँ मुफ्त में नहीं रहती,
साल दर साल मै ही उम्र न देता इसको,
तो ज़माने में मोहब्बत जवां नहीं रहती…

Thursday, 14 November 2013



Zindagi to ek aisa safar hain,
Sukh Dukh ka wo bhawar hain,
har ek mod pe mile kuch shikh,
Has ke pa le Manzil  whi zindagi hain!
Written by : Maya Manzil

Wednesday, 6 November 2013

अब अगर आओ तो - जावेद अख़्तर

अब अगर आओ तो जाने के लिए मत आना
सिर्फ एहसान जताने के लिए मत आना

मैंने पलकों पे तमन्‍नाएँ सजा रखी हैं
दिल में उम्‍मीद की सौ शम्‍मे जला रखी हैं
ये हसीं शम्‍मे बुझाने के लिए मत आना

प्‍यार की आग में जंजीरें पिघल सकती हैं
चाहने वालों की तक़दीरें बदल सकती हैं
तुम हो बेबस ये बताने के लिए मत आना

अब तुम आना जो तुम्‍हें मुझसे मुहब्‍बत है कोई
मुझसे मिलने की अगर तुमको भी चाहत है कोई
तुम कोई रस्‍म निभाने के लिए मत आना
रचनाकार: - जावेद अख़्तर

Monday, 4 November 2013

दिल चाहता है ज़माने से छुपा लूँ तुझको !

दिल चाहता है ज़माने से छुपा लूँ तुझको,
दिल की धड़कन की तरह दिल में बसा लूँ तुझ को.
कोई एहसास जुदाई का न रह पाये,
इस तरह खुद में मेरी जान छुपा लूँ तुझको.
तू जो रूठ जाये मुझ से मेरे दिल के मालिक,
साड़ी दुनिया से खफा हो कर मना लूँ तुझको.
जब मैं देखूं तेरे चेहरे पे उदासी का समा,
बस यह चाहूँ किसी तरह हंसा लूँ तुझको.
तू कभी जब दुनिया से बेज़ार हो जाये ,
दिल यह चाहे की बाहों में छुपा लूं तुझ को!

कभी तो चाँद असमान से उतरे और आम हो जाये

कभी तो चाँद असमान से उतरे और आम हो जाये,
तेरे नाम की एक खूबसूरत शाम हो जाये,
अजब हालत हुए की दिल का सौदा हो गया,
मुहब्बत की हवेली जिस तरह नीलम हो जाये,
मैं खुद भी तुझसे मिलने की कोशिश नहीं करूँगा,
क्योंकि नहीं चाहता कोई मेरे लिए बदनाम हो जाये,
उजाले अपनी यादों के मेरे साथ रहने दो,
जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाये |